मोदी सरकार के दो साल पूरे हो गये। कई सवालों के बीच सरकार पूरे देश में अपनी उपलब्धियों का बखान कर रही है। इसी श्रेणी में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से शुरुआत की गयी और शनिवार को दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी हो रहा है।
देशभर में इसको लेकर 26 मई से 15 जून तक कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ये कार्यक्रम देशभर के 198 शहरों में आयोजित किए जाएंगे। इसे लेकर 33 टीमें बनाई गईं हैं। इन टीमों में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री समेत प्रदेश के नेता भी शामिल हैं।
27 मई को मंत्री देशभर में प्रशंसकों से मिलेंगे और लोगों के साथ बैठकें करेंगे। पीएम मोदी 27 मई को शिलॉग की यात्रा पर जाएंगे। राजनाथ सिंह दिल्ली में, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज जयपुर में, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई में, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मुंबई में, संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू बेंगलुरु में और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा वाराणसी में मौजूद होंगे।
शनिवार को होने वाले भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए इंडिया गेट पर तैयारियां चल रही हैं। यहां अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर और प्रसून जोशी प्रोग्राम करेंगे।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के ज्यादातर सहयोगियों के इंडिया गेट पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की उम्मीद है।
सरकार ’जरा मुस्कुरा दो’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए कई कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। शो का पूरे देश में दूरदर्शन पर प्रसारण किया जाएगा।
शो के दौरान विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों खासतौर पर स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया और ग्रामीण विद्युतीकरण को उजागर किया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ, जहां मोदी सरकार 2 साल पूरा होने पर जश्न मना रही है, कांग्रेस ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित दूसरे नेताओं ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार को चुनावी वादों की याद दिलाई। कपिल सिब्बल ने पूछा कि यह जश्न क्यों मनाया जा रहा है? क्या हिन्दुस्तान का चेहरा बदल दिया है? क्योंकि बुनियादी तौर पर जो परिवर्तन की बात की थी वो तो हुआ नहीं। अगर मोदी जी चांद पर जा रहे होते, मंगल पर जा रहे होते तो हम समझते जश्न मनाना बनता है। मोदीजी ने अपना रोज़गार तो पक्का कर लिया, लेकिन यह पूछे युवाओं का रोज़गार कहां है?
मनमोहन जी बोलते नहीं थे पर काम बोलता था, यह बोलते हैं पर काम नहीं बोलता। मै चुनौती देता हूं आज मोदी सरकार के किसी भी मंत्री को कि आओ बहस करो। पूछते हैं जनता से कि आप जश्न किस चीज़ का मना रहे हो। खुदा के बन्दे संभल जा, वक़्त है अभी भी संभल जा।
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सारी चीज़ें जो कही हैं वो चुनावी जुमले हैं। किसानों की आत्महत्या को ठीक ढंग से हैंडल कर सकते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने कभी कहीं जाकर राहत नहीं दी।
बाहर के दौरे बहुत किए लेकिन देश के अन्दर के एक भी किसान से नहीं मिले। जो चल रहा था उसको चलने दिया और कहते रहे सब अपने आप ठीक हो जाएगा।