उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। पार्टी यूपी में हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है। जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार के दौरान पार्टी का राजनैतिक और जमीनी हकीकतों पर तालमेल बना रहे, इसके लिए हर चार महीनों में सर्वे और समीक्षा कराई जाएगी। इलाहबाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की उत्तरप्रदेश सांसदों के साथ हुई तीन घंटे चली बैठक में यह भी तय हुआ कि इस कवायद में विरोधी पार्टियों के प्रचार का आकलन भी किया जाएगा।
इसी के चलते पिछले दिनों, नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने 13 जून को परिवर्तन रैली की। मोदी ने कहा कि यूपी में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। मोदी ने मायावती और मुलायम पर भी जमकर निशाना साधा और कहा- ‘बीजेपी को मौका दें, अगर आपका नुकसान कर दिया तो आप मुझे लात मार कर बाहर कर दीजिएगा’।
बताते चले कि उत्तर प्रदेश में आगामी मार्च 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बीच भाजपा पार्टी की चुनावी बैठक में इस बात के संकेत भी दिए गए कि उत्तरप्रदेश चुनावों में संघ की भूमिका सहलाकार से कहीं ज्यादा होगी जैसा कि असम के चुनाव के दौरान हुआ था जहां पिछले महीने ही बीजेपी ने जीत हासिल की है। सूत्रों के अनुसार, कृष्णगोपाल उत्तर प्रदेश में संघ की तरफ से मोर्चा संभालेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं को मौका न गंवाने की सलाह दी जिसमें उन्होंने सात सूत्र दिए जिसमें सेवा को सबसे ज्यादा महत्व दिया।
चुनावों के लिए भाजपा होगी डिजिटल
सूत्रों के अनुसार, नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक कार्ड दिया जाएगा, जो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से जुड़ा होगा। इसके जरिए उनकी हर गतिविधि पर पार्टी नजर बनाए रखेगी।
यूपी के ज्यादातर संसदीय क्षेत्रों पर भाजपा का राज है। इसके बावजूद यहां समाजवादी पार्टी की सरकार है। अमित शाह भी जानते हैं कि अगर वो यूपी जीत गए तो दिल्ली पर राज बनाए रखना आसान होगा।
यूपी में पार्टी बीते 15 साल से सत्ता से बाहर है। लेकिन इस बार पार्टी पूरी तैयारी के साथ उतर रही है। हाल में असम चुनाव की जीत ने भी यूपी भाजपा में नई जान डाली है।
भाजपा नेता ने बताया कि ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम जुलाई से काम करना शुरू कर देगा। पहले चरण में भाजपा के 1800 कार्यालयों पर इसकी शुरुआत की जाएगी।
अगले चरण में सवा लाख भाजपा कार्यकर्ताओं को अटेंडेंस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी राज्य की क्षेत्रीय इकाइयों पर होगी।
भाजपा नेता ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व की इस कवायद के पीछे पारदर्शिता की सोच भी है। अगर यह सिस्टम सफल हुआ तो मेहनती कार्यकर्ताओं को तलाशना भी आसान हो जाएगा।
साथ ही इस तरह पार्टी कार्यकर्ताओं से कई अहम इनपुट भी जुटाए जा सकेंगे। इलेक्ट्रानिक अटेंडेंस सिस्टम से जड़े कार्ड में एक चिप लगी होगी, जो बताएगी कि भाजपा के कार्यकर्ता कहां हैं और क्या काम कर रहा है।
इस इलेक्ट्रानिक अटेंडेंस सिस्टम के जरिए यह भी पता चल जाएगा कि नेता और कार्यकर्ता पार्टी के लिए कितने घंटे काम कर रहे हैं।
अभी तक पार्टी में वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट पेश करते हैं। इसी आधार पर उनसे काम लिया जाता है। लेकिन इलेक्ट्रानिक अटेंडेंस सिस्टम शुरू होने के बाद यह काम नए तरीके से होगा।
संभावना है कि पीएम अगले महीने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस का दौरा करें।