ऊसई तो हर तहसील में हमेशा ही भीड़ लगी रहत हे, पे जुलाई से अगस्त को महीना शुरू होय खे बाद तहसील में कछू ज्यादा ही भीड़ नजर आउन लागत हे। काय से ई समय घरेलू आदमियन से ज्यादा स्कूली बच्चन खा आय, जाति ओर निवास प्रमाण पत्र बनवाये की जरूरत होत हे, पे दो-दो महीना बीतें खे बाद भी ई छात्रन खा खाली हाथ लौटने परत हे।
महोबा तहसील में केऊ महीनन से हर दिन स्कूली लड़कन-लड़कियन की लम्बी लाइन लगी रहत हे। अब वजीफा के फारम भरे खे लाने आय, जाति ओर निवास प्रमाण पत्र की जरूरत हे। नियम के अनुसार कोनऊ भी प्रमाण पत्र बीस दिन में मिल जाये खा चाही। पे बताओ जात हे कि दो महीना से वेबसाइट ही बंद परी हे साथे एस.डी.एम. ओर तहसीलदार के दसखत के बिना प्रमाण पत्र बने खा काम रुको परो हतो। अभे महोबा तहसीलदार ने जानकारी दई हे कि 30 सितम्बर 2014 से आय, जाति ओर निवास प्रमाण पत्र मिलब शुरू हो जेहें।
अब सवाल उठत हे सरकार की एकल खिड़की व्यवस्था के ऊपर कि जब सरकार ने आय, जाति ओर निवास प्रमाण पत्र बनवाये खे लाने एकल खिड़की बनवा दई हे तो ओते पर्याप्त व्यवस्था करें की जिम्मेदारी कीखी आय? अगर ई समस्या के चलते स्कूली बच्चन नेे फारम न भर पाओें, ओर वजीफा ना मिल पाहे तो बच्चन के आगे की पढ़ाई सुचारू ढंग से चलाये खा जवाब कौन देहे?
भविष्य बनो प्रमाण पत्र का मोहताज
पिछला लेख