जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, कस्बा भरतकूप, भरतकूप मंदिर। यहां हर साल मकर संक्राति में 14 से 17 जनवरी तक मेला लगता है। मेले में दूर दराज से लोग आते हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि यहां राम के भाई भरत अयोध्या से आए थे और कुएं में दूध डाला था, इससे यहां का नाम भरतकूप पड़ा। लोग कुंए का पानी अपने सिर पर छिड़कते हैं। मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं।
मेले में खाने पीने की चीज़ों के साथ घर गृहस्थी में इस्तेमाल होने वाले कई सामानों की दुकानें भी लगती हैं। मेले में कढ़ाही और छन्ना के दुकान लगाने वाले लकड़ी लाल और मुंगी ने बताया कि हम पांच साल से यहां आते है। मेले में सबसे ज़्यादा कढ़ाही बिकती है। भरतकूप चैकी के प्रभारी के.पी. सिंह ने बताया कि मेले में हज़ारों की भीड़ को देखते हुए कडे़ सुरक्षा इंतज़ाम हर बार किए जाते हैं।
भरतकूप का मेला
पिछला लेख