पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत पर केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने आज ‘भारत बंद’ बुलाया है।
कांग्रेस का दावा किया है कि इस बंद को 21 विपक्षी दलों और कई व्यापार संगठनों ने बंद का समर्थन हासिल है हालांकि कुछ पार्टियां इसके विरोध में भी हैं।
‘भारत बंद’ का समर्थन करने वालों में शरद पवार की एनसीपी, डीएमके, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर), राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल, आरजेडी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, पीडब्लूपी, शेतकरी कामगार पार्टी, आरपीआई (जोगेंद्र कवाडे गुट) और राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी का समर्थन हासिल है। इन सबके अलावा कांग्रेस का दावा है कि कई चैंबर ऑफ कॉमर्स और कई मजदूर संगठनों का भी उसे साथ मिला है।
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना, नीतीश कुमार की जनता दल (यू) और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने इस बंद का विरोध किया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि वह कांग्रेस द्वारा बुलाए गए सोमवार के भारत बंद में शामिल नहीं होगी।
वहीं, पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जिन मुद्दों पर बंद बुलाया जा रहा है, वह उस पर साथ है, लेकिन पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषित नीति के मुताबिक वह राज्य में किसी तरह की हड़ताल के खिलाफ है।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह भारत बंद में शामिल नहीं होगी।
ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल ने भी तेल कीमतों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस के भारत बंद का समर्थन नहीं करने का ऐलान किया। हालांकि पार्टी ने कहा कि वह ईंधन कीमतों में वृद्धि के खिलाफ है।