ब्राज़ील। ब्राज़ील में सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को 80 साल में अब तक के सबसे भयंकर सूखे का सामना करना पड़ रहा हैै। ब्राज़ील की पर्यावरण मंत्री इज़ाबेला टेक्सीरा के अनुसार देश के तीन सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों-साओ पोलो, रियो डे जेनेरियो और मिनास गेरेस में 1930 के बाद यह अब तक की सबसे भयावह सूखे की स्थिति हैै। राजधानी ब्रासीलिया में एक आपातकालीन बैठक के बाद उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों को पानी बचाने की सख्त आवश्यकता हैै। इज़ाबेला टेक्सीरा ने कहा सूखे से देश के कृषि और उद्योग जगत पर भी असर पड़ेगा और पहले से संकटग्रस्त ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। वैसे तो ब्राज़ील में इस समय बरसात का मौसम है लेकिन देश के दक्षिण-पूर्वी भाग में बारिश न के बराबर हुई। गवर्नर जेरैल्डो अल्कमिन ने स्थिति से निबटने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें पानी की ज़्यादा खपत करनेवालों पर जुर्माना और कम खपत करनेवालों को छूट के साथ उद्योग और कृषि के नदियों से पानी के इस्तेमाल को सीमित किया गया हैै।
अब सवाल ये है कि ब्राज़ील में इतने ज़बरदस्त सूखे का आखिर कारण है क्या? इसका सबसे बड़ा कारण भारत में सूखा पड़ने के कारण से अलग नहीं है। भारत की तरह यहां पर भी जंगलों का अत्याधिक काटा जाना ही सबसे बड़ा कारण है, इतने व्यापक सूखे का। यहां भी सरकारें खेतों की ज़मीन लेकर कंपनियां लगा रही हैं। आदिवासियों के लिए बेहद ज़रूरी जंगल काटे जा रहे हैं। पेड़ों के काटे जाने से कार्बन डाई ऑक्साइड हवा में मिल जाती है जिससे गर्मी बढ़ती है। पेड़ सौर्य ऊर्जा को ज़्यादा सोखते हैं। और जल वाष्प को छोड़ते हैं। बड़े-बड़े जंगल बारिशें लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ब्राज़ील में अस्सी सालों में सबसे बड़ा सूखा पड़ा
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