मोर नाम नीलम हवै। मैं चित्रकूट जिला कर्वी मिशन रोड मा रहत हौं। मोर मनसवा रामेश्वर प्रसाद वकील रहै, पै या समय वा उम्र कैद के सजा काटत हवै। जबै वा कुछ दिन के छुट्टी मा कर्वी आवत हवै तौ हिंया के पुलिस वहिका बहुतै परेशान करत हवै। या कारन डी.एम का दरखास दीने हौं कि जांच करवा के देखै तबै कउनौ का फंसावा जाये।
नीलम बताइस-” मोरे मनसवा के पहिली शादी 1985 मा खटरावा गांव मा भे रहै, पै सास बहू के लड़ाई मा मेहरिया जल के मर गे। वहिके परिवार वाले दहेज का मुकदमा लगा उमर कैद के सजा रामेश्वर का देवा दिहिन। 1988 मा हाई कोर्ट के जमानत से बरी होइ गे। अउर 1995 में मोर शादी वहिके साथै भे, पै पुलिस हमका शान्ति से रहैं नहीं देत आय। जबै मोर मनसवा जेल से छुट्टी मा आवत हवै तौ अगर कर्वी मा कुछ होइगा तौ पुलिस परेशान करत हवै। साथै मोरे साथ जांच पड़ताल करत हवै। मोर मनसवा या समय उत्तराखण्ड शहर के सम्पूर्णानन्द जेल मा हवै। हुंवा से एक बरस मा घर आवै खातिर सत्तर दिन के छुट्टी मिलत हवै। परिवार के लगे रहै खातिर, पै हिंया आवत हवै तौ पुलिस परेशान करै लागत हवै।
डी.एम कहिन कि उंई जांच करवा मामला खतम करवइहैं।
बेमतलब करत परेशान
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