बिहार में एक गांव है, धरहरा। भागलपुर से मात्र बीस-पच्चीस किलोमीटर दूर। यहां पर एक अनोखी परंपरा है। बेटी होने पर मां बाप उसका स्वागत पेड़ लगाकर करते हैं। फिर हर जनमदिन में यह लोग एक पड़ लगाते हैं। है, न मज़ेदार।
यहां के पूर्व मुख्यमंत्री को साल 2010 में जब इस बात की जानकारी मिली तो। उनसे रहा नहीं गया और पहुंच गए इस परंपरा का जायज़ा लेने। कई लोगों से बात करने के बाद उन्होंने तय किया कि हर साल पर्यावरण दिवस यानी पांच जून को वह यहां आकर एक पेड़ लगाएंगे।
स्थानीय लोगों से जब इस परंपरा के बारे में पूछा गया तो पता लगा कि इसके पीछे उन लोगों की सोच पर्यावरण को बचाने की नहीं बल्कि इस एक एक पेड़ से बनकर तैयार हुए बागीचे से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल करके अपनी बेटी की पढ़ाई लिखाई के बाद शादी का खर्चा जुटाने की है। शायद उन्हें पता भी नहीं कि वह लोग एक तीर से दो निशाने लगा रहे हैं। मतलब लड़की के खाने खर्चे का जुगाड़ करते करते पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है।