दिल्ली हाईकोर्ट की पहली महिला जज लीला सेठ अब नहीं रहीं। 7 मई की रात दिल का दौरा पड़ने से नोएडा स्थित निवास पर उनका निधन हो गया। वह 86 साल की थीं। एक ऑपरेशन के बाद हफ्ता भर पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
जस्टिस लीला सेठ के नाम एक साथ कई उपलब्धियां दर्ज हैं। वे लंदन बार परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाली पहली महिला होने के अलावा एक आईएएस अधिकारी भी थीं। इसके अलावा उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लगभग दस साल वकालत भी की। 1978 में
वे हाईकोर्ट की पहली महिला जज के रूप में दिल्ली हाईकोर्ट और 1991 में किसी हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस के रूप में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में नियुक्त हुईं।
दिल्ली में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद 2012 में गठित तीन सदस्यीय जस्टिस वर्मा समिति का भी हिस्सा रहीं, जिसने बलात्कार के मामले में त्वरित सुनवाई के लिए अपराध कानूनों में संशोधन की सिफारिश की थी।
लेखक विक्रम सेठ की मां लीला सेठ खुद लेखिका थीं। उन्होंने 2003 में ‘ऑन बैलेंस’ नाम से अपनी आत्मकथा लिखी। इसके बाद 2010 में उन्होंने बच्चों के लिए ‘वी द चिल्ड्रेन ऑफ इंडिया’ किताब लिखी।