जि़ला फै़जाबाद, ब्लाक मया और तारुन। मया के तेजापुर कस्बे में लगभग बीस साल से पुराने से पुराने कपड़ों की रंग बिरंगी दरी, चटाई, कालीन बनाई जाती है।
राशिद, अरुन, रोहित ने बताया कि यहां जो भी कपड़े पहनने लायक नहीं रहते, उसकी कटिंग कर के हाथ से बुनकर अलग अलग तरह का कपडा़ लगाकर एक मोटी दरी तैयार की जाती है। तारुन के रामपुर भगन में रामपुर जिले से आए राषिद भी फटे पुराने कपड़ों से दरी बनाते हैं। इस काम में एक दिन की मज़दूरी 130 रुपया मिल जाती है।