जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, ग्राम पंचायत गुढ़ा। मजरा कल्ला पुरवा। हेंया लगभग 70 साल के राम बाई तीन साल होइगे मनसवा राजाराम से अलग रही के झोपडि़या मा गुजर करत है। काहे से मनसवा राजाराम वहिका मारत है या मारे वा परेशान है।
रामबाई बतावत है कि मोरे तीन लड़का बहू है मनसवा राजाराम मंझली बहू के साथै रहत है। मोहिका मारत पीटत है। खाना खर्चा भी नहीं देत। यहिसे मैं बड़े लड़का राम सरन साथै रहत हौ या फेर देवर के घर चली जात हौै बड़े लड़का भी खेत मा हिस्सा नहीं देत वा मेहनत मजदूरी कइके खात है अउर लरकउर संगत है। यहिसे मैं कहत है कि मोहिका भी खाना खर्चा दे। मैं कहां तक पराये आसरे रइहांै। मेहनत, मजदूरी भी नहीं कीन होत आय। बड़ा लड़का का भी कतौ-कतौ कहत है कि मैं मजदूरी के सहारे केहिका-केहिका पेट पालव अगर खेती है, तौ बाप हिस्सा काहे नहीं देत आय।
राजाराम कहत है कि वा खुद नहीं कलमा रहत बहू से लड़ाई करत है। मैं खाना खर्चा सब देत हांै।
बूढ़ भी निहाय आदत से बाज
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