जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी और मानिकपुर। जिले के कई गांवों में फसल में पाला पड़ने के कारण हजारों किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
ब्लाक पहाड़ी, गांव अशोह के रहने वाले बलदेव, राजा और बेलपतिया का कहना है कि अरहर की फसल खराब होने से कई हज़ार रुपये का नुकसान हो गया है।
मानिकपुर के अगरहुण्डा गांव, अड़गम बाबा का पुरवा के मोहन और सुन्दर ने बताया कि खेती से ही घर का खर्चा चलाते हैं। अगर फसल अच्छी नहीं पैदा होती है तो साल भर एक-एक दाने के लिऐ तरसते हैं।
जिला महोबा, ब्लाक चरखारी। ठंड ओर कोहरे ने मटर और अरहर की पूरी फसल बिगाड़ दी है।
गांव करहौरा की पूनम ने बताया कि इस साल पूरी फसल में पाला पड़ने से मंडी में गल्ला बिक नहीं रहा है। बड़ा नुकसान हुआ है क्योंकि एक बीघा जमीन की सिंचाई में ही एक हज़ार रुपय लग जाते हैं। बमरारा गांव के दयाशंकर ने बताया कि महोबा जिले के सभी किसान बहुत परेाान हैं। उन्हें इंतजार है सरकार की मदद का वरना किसानों की भुखमरी की स्थिति हो जाएगी।
कुलपहाड़ में एस.डी.एम. बी.के. जौन ने बताया कि पहले किसानों के नुकसान का ब्लाक बाई ब्लाक सर्वे होगा तब ही आगे कुछ किया जाएगा।
जिला बांदा, ब्लाक नरैनी और बड़ोखर खुर्द। 7 और 8 जनवरी 2013 को इतनी ठंड पड़ी कि उसकी चपेट में फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने 15 जनवरी को कलेक्ट्रेट में अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही मुआवजे की मांग की है।
नरैनी ब्लाक के लहुरेटा गांव के किसान अब्दुल, खलील, फल्लू, गोपाल, जयराम और रमेश डी. एम. से मिले और उन्हें ज्ञापन दिया। सब्जियों की फसलों में भी जैसे आलू, टमाटर और मिर्चा में पाला पड़ा है।
गांव फतेहगंज के किसानों ने बताया कि फसल जोतने-बोने में तीन सौ रुपये प्रति घण्टा खर्च हो जाता है। फसल सूखने से लोग साल भर घर का खर्चा कैसे निकालेंगं, इस बात को लेकर बहुत परेाान हैं।
बड़ोखर खुर्द के गंछा गांव के मोहन, शिवबदन, रामराज समेत अस्सी किसान भी फसल की समस्या लेकर डी.एम. के पास आये थे। बांदा के तहसीलदार राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि सभी गांवों में किसानों की फसलों की जांच की जायेगी। जांच के हिसाब से मुआवज़ा दिया जायेगा।