आस पड़ोस वाले बताते हैं कि आदर्श बहुत अच्छा और सीधा-साधा लड़का था। परिवार की हालत नाजुक होने के कारण सभी लोग बाहर कमाते हैं। वह भी बाहर कभी-कभी कमाने जाया करता था लेकिन ऐसे केश में फंसा कर एक बेगुनाह को पुलिस द्वारा टॉर्चर किया गया।
लेखन व रिपोर्ट – गीता देवी
देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होती है लेकिन जब उसी पुलिस पर आम जनता के अधिकारों के हनन और उत्पीड़न करने का आरोप लगने लगे तो सवाल उठना स्वाभाविक है। हाल ही में 24 मई की रात यूपी के बाँदा जिले के नरैनी कोतवाली अंतर्गत आने वाले शंकर बाजार निवासी आदर्श नाम के युवक द्वारा पुलिस उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया है। जिसने न केवल प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है बल्कि समाज की संवेदनशीलता और न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
परिवार का करतल दरोगा पर उत्पीड़न का आरोप
परिवार का कहना है कि उनके बेटे कि उम्र लगभग 18 साल थी। 11 मई को घर से गई मुस्लिम लड़की के केश में मुस्लिम परिवार ने आदर्श को फंसाया था। इस मामले को लेकर करतल दरोगा द्वारा आदर्श से बार-बार पूछताछ करके टार्चर रहा था। जबकि आदर्श ने पुलिस के सामने बार-बार अपनी बेगुनाही बताई। इस टॉर्चर से आदर्श काफी प्रताड़ित हो चुका था। एक तो पुलिस प्रताड़ना दूसरा मुस्लिम परिवार भी उसको काफी परेशान किये थाआदर्श की बड़ी मां कहती है की बचपन से आदर्श को उसने ही पाला पोषा है। वह मां-बाप को नहीं बड़ी मां और बड़े पापा को जानता था और उन्हीं के साथ ज्यादातर रहता था। कभी उनके लड़के ने किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। किसी के तरफ नजर उठा कर नहीं देखा लेकिन उनके बच्चे को झूठा फंसाया गया और बाद में जहर खिलाकर उनके बच्चे को मार दिया गया है। मुस्लिम परिवार ने ही 24 मई को उनके बेटे को कोल्ड ड्रिंक में कुछ जहरीले पदार्थ मिलाकर खिलाया है जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाया गया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पड़ोस के लोगों से मिली जानकारी
आस पड़ोस वाले बताते हैं कि आदर्श बहुत अच्छा और सीधा-साधा लड़का था। परिवार की हालत नाजुक होने के कारण सभी लोग बाहर कमाते हैं। वह भी बाहर कभी-कभी कमाने जाया करता था लेकिन ऐसे केश में फंसा कर एक बेगुनाह को पुलिस द्वारा टॉर्चर किया गया। गांव के सीधे-साधे लोग हैं वह वैसे भी पुलिस से डरते हैं इसलिए उसके सामने ज्यादा मुंह नहीं खोल पाते। यही कारण है कि मुस्लिम परिवार और पुलिस के बीच आदर्श पिसता गया और मानसिक तनाव में रहा। इसके बाद 24 मई को पता नहीं कोल्ड ड्रिंक में कौन सा ऐसा जहरीला पदार्थ मिलाकर उसको पिला दिया गया कि पता भी नहीं चला।
अक्रोश, आहत और सदमे से जूझ रहा परिवार
आदर्श की मौत से आहत उसके बड़े दादा बहुत ही आक्रोश और गुस्से में हैं और दुखी भी। जब हमारी रिपोर्टर वहां पहुंची और उनसे बातचीत की तो उन्होंने ऑफ कैमरा बताया कि उनके बच्चे को मारा गया है जहर खिलाकर। लेकिन क्या करें, किसी से लड़ नहीं सकते और ना इतने सक्षम हैं। पुलिस भी उनके बेटे को टॉर्चर करती थी पर वह पुलिस से थोड़ी लड़ सकते हैं। इसलिए उनको किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं कहना, जो हुआ सब ठीक है। अब उन्हें इस मामले पर कोई बात नहीं करनी है। उनका दिमाग काम नहीं कर रहा। अब यह बात वह गुस्से में बोल रहे थे या किसी के दबाव में आकर, यह कह पाना मुश्किल है। जबकि सोशल मीडिया में एक पोस्ट चल रही है जिसमें वह कह रहे हैं कि उनको किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करनी। पुलिस उनकी मदद कर रही है और अगर फेसबुक पर कोई कुछ गलत लिखेगा तो वह चुप नहीं बैठेंगे।
मृतक की बड़ी मां (फोटो साभार: गीता)
आदर्श की बड़ी मां कहती है की बचपन से आदर्श को उसने ही पाला पोषा है। वह मां-बाप को नहीं बड़ी मां और बड़े पापा को जानता था और उन्हीं के साथ ज्यादातर रहता था। कभी उनके लड़के ने किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। किसी के तरफ नजर उठा कर नहीं देखा लेकिन उनके बच्चे को झूठा फंसाया गया और बाद में जहर खिलाकर उनके बच्चे को मार दिया गया है।
मुस्लिम परिवार जहीर के घर जब हमारी खबर लहरिया रिपोर्टर बात करने पहुंची तो उनके घर में कोई नहीं था। पड़ोस में लोगों से पूछा तो लोगों ने बताया कि मजदूर लोग हैं कहीं पर काम करने गए होंगे लेकिन उनको इसकी जानकारी नहीं है। रिपोर्टर ने मैंने फोन भी उनका ट्राई किया लेकिन फोन बंद आ रहा है। इसलिए उनसे बात नहीं हो सकी।
पुलिस उत्पीड़न का आरोप झूठा
इस मामले को लेकर नरैनी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राम मोहन राय का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। पुलिस ने किसी को टॉर्चर नहीं किया। आप आज परिवार वालों से पूंछो, वह खुद बताएंगे कि सच क्या है। जब रिपोर्टर ने पुलिस अधिकारी से यह कहा कि वह आज ही उनके घर गई थी और उनके परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि करतल चौकी इंचार्ज उनके बेटे आदर्श को टॉर्चर करते थे। तब कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि लड़की वाले केस में उससे पूछताछ की गई थी उसके लिए बुलाया गया था लेकिन टॉर्चर करने वाला मामला झूठा है।
इस युवक के मौत का मामला कोई अकेली घटना नहीं है बल्कि ऐसी कई घटनाएं हैं जहां पर पुलिस उत्पीड़न केऔर भी केश सामने आये हैं और बाद में मौत का मामला सामने आया है। इसके पहले बदौसा थाना क्षेत्र में भी एक युवक के खुदकुशी करने का मामला सामने आया था। उसमें भी पुलिस उत्पीड़न का आरोप था। यह जांच का विषय है कि आखिरकार उस लड़के की मौत हुई कैसे? पुलिस के टॉर्चर के कारण हुए मानसिक उत्पीड़न से या उसने खुद में जहरीले पदार्थ खाकर खुदकुशी की या किसी ने उसको खिलाया है।
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