चन्देलों की आन, बान, शान का प्रतीक बुन्देलखण्ड का मशहूर त्योहार कजली मेला बांदा जिला के कालींजर कस्बा में 22 अगस्त 2013 को मनाया गया। यह त्योहार हर साल तीन दिन मनाया जाता है। इस त्योहार में आल्हा, ऊदल, ताला सैयद, बौना चोर, शंकर जी, चन्द्रवल का डोला, पैदल सैनिको की सवारी, बहुरूपिया पार्टी, हाथी, घोडा अउर नर्तक मण्डियों की झांकी पूरे कालींजर में घूमती हैं। इसके दूसरे दिन आल्हा गायन का कार्यक्रम किया जाता है। साथ ही किले के नीचे बने मन्दिर में मेला लगता है। त्योहार को नीलकण्ठ कजली मेला के नाम से जाना जाता है। इस त्योहार को कालींजर किले के आप-पास लगने वाले ग्राम पंचायत के प्रधान चन्दा करके मेले की व्यवस्था करते हैं। इस त्योहार का इन्तज़ार लोग साल भर करते हैं।
बुन्देलखण्ड का मशहूर कजली मेला
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