जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव सढ़ा। 12 सितम्बर 2014 का उल्टी टट्टी के बीमारी के कारन दुई जने के मउत होइगे। जबै कि या गांव मा छह साल से नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। अगर या अस्पताल मा डाक्टर अउर व्यवस्था होत तौ दुई जान बचाई जा सकत रहैं।
पप्पू बतावत है-“9 सितम्बर 2014 का मोर भतीज भाऊराम के रात अचानक पेट मा दर्द उठा अउर उल्टी टट्टी होय लाग।“ यहिनतान सत्यवान सिंह बताइस-“मोरे चाचा बदन सिंह के 9 सितम्बर का पेट दर्द होय लाग अउर पेशाब रूक गे।” दूनौ का तुरतै नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लई गयेंन। नरैनी से अतर्रा, अतर्रा से बांदा, बांदा से जानकीकुण्ड अउर जानकीकुण्ड से इलाहाबाद लई गयेंन। इलाहाबाद मा इलाज के दौरान भाऊराम 12 सितम्बर 2014 का खतम होइगा अउर बदन सिंह के मउत 11 सितंबर 2014 का होइगे। लोक सभा चुनाव के समय सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा अउर बांदा पूर्व डी.एम. शीतल वर्मा हेंया जांच करैं आये रहैं। उनसे या समस्या बतावा, पै समस्या बताये कुछौ नहीं भा आय।
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर ए.के. सिंह कहत हैं कि डायरिया अउर वायरल बुखार जइसे के बीमारी चलत हैं। 108 नम्बर एम्बुलेंस अउर डाक्टर के टीम भेज के गांव मा ही इलाज कीन जात है। जब जिला मा 162 डाक्टर के बीच सिर्फ 42 डाक्टर ही काम करत हैं तौ या अस्पताल कहां से भर दीन जाय। सी.एम.ओ. कैप्टन आर.के. सिंह का कहब हैं कि डाक्टर के कमी के बारे मा हर महीना रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग लखनऊ का भेजी जात है। डाक्टर का भर्ती करब राज्य सरकार का काम आय।
बीमारी से दुई के मउत
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