बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े महिला महा विद्यालय की एक छात्रा को समलैंगिक होने के शक में महिला होस्टल से निकाल दिया गया है।
बीए ऑनर्स की पढ़ाई के लिए होस्टल में रह रही छात्रा की साथी छात्राओं ने लिखित शिकायत दी, जिसके बाद कॉलेज की अनुशासन समिति ने जांच की।
इस बारे में होस्टल की चीफ कोऑर्डिनेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि छात्रा को इसलिए बाहर किया गया, क्योंकि कॉलेज की 16 छात्राओं ने लिखित में ये शिकायत की कि ये छात्रा उन्हें प्रताड़ित कर रही है।
इतना ही नहीं अपना काम कराने के लिए छात्रा अपने साथियों को आत्महत्या की धमकी देकर भी डरा रही थी।
कॉलेज प्रबंधन की मानें तो छात्रा मानसिक रूप से बीमार है और डिप्रेशन में है। ऐसे में पढ़ाई के नाम पर वो साथी छात्राओं पर दबाव बनाती थी कि वो उसका काम पूरा करें। इसलिए उसे इलाज के लिए घर भेजा गया है।
कॉलेज प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि अगर छात्रा पूरी तरह ठीक हो जाएगी तो उसे दोबारा कॉलेज होस्टल में रख लिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले का दूसरा पहलू भी सामने आ रहा है। छात्रा के साथ पढ़ने वाली एक लड़की ने बताया कि जिस लड़की को कॉलेज प्रबंधन ने समलैंगिक होने के शक पर बाहर किया है, वो असल में एक आंख से देख नहीं सकती है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन को उसे होस्टल से निकालने के बजाए और ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए था। मगर प्रबंधन ने बिना गहराई से जांच किए ही उसे होस्टल से बाहर कर दिया।