बिहार। राज्य के पष्चिमी चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकी बाघ अभयारण्य (सरकार की तरफ से बाघों को बचाने के लिए बनाया गया सुरक्षित जंगल) में एक बाघिन ने तीन बच्चों को जन्म दिया। पूरे देश में तिरालिस ऐसे सुरक्षित जंगल हैं, इनमें से एक बिहार में है।
वाल्मिीकी अभयारण्य के सह वन संरक्षक संतोश तिवारी ने बताया कि यह केवल बिहार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि जिस तरह से देष में बाघों की संख्या घट रही है, उसे देखते हुए यह एक बड़ी खबर है। इस अभयारण्य ने बीस बाघिनें हैं।
क्यों खास बाघ
जंगलों के कटने के कारण बाघों की संख्या लगातार कम हो रही है। भारत में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं। वन विभाग के अनुसार पूरी दुनिया में बाघों की संख्या 6,000 से भी कम है। इनमें से करीब 4,000 बाघ भारत में हैं। चिंता वाली बात यह है कि भारत में जिस तरह से जंगलों की कटाई हो रही है, ऐसे में बाघों की जान खतरे में है। सरकार ने बाघों को बचाने के लिए 1973 में बाघ परियोजना षुरू की थी। इसके तहत उनके लिए कुछ सुरक्षित वन क्षेत्र बनाए गए हैं।