लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को और बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को भारी जीत दिलानेवाले प्रशांत अब उत्तर प्रदेश के चुनाव की तैयारी में उतर सकते हैं।
कांग्रेस के कई नेता, चुनाव जिताने का ब्रांड बन चुके प्रशांत किशोर से संपर्क कर चुके हैं। हालांकि प्रशांत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का हाथ थामेंगे या नहीं, अभी यह तय नहीं हुआ है। मगर कांग्रेस अपना ज़ोर लगा रही है। हालांकि प्रशांत का कहना है कि वह उस पार्टी का हाथ थामना चाहते हैं जिसका 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी वह प्रचार कर सकें। इस लिहाज़ से कांग्रेस ही वह पार्टी लगती है।
चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टियों के बीच चहेते हैं प्रशांत।
देश हो या बिहार। मगर जीतने वाली पार्टियों में जो एक चीज़ समान थी, वह यह कि उनके चुनाव प्रचार को बनाने और चलाने वाला व्यक्ति एक ही था। बिहार राज्य के बक्सर जि़ले के प्रशांत किशोर ने दोनों ही जीतने वाली पार्टियों की ब्रांडिंग की। दोनों चुनाव प्रचार में मिली सफलता ने प्रशांत किशोर को चुनाव के मैदान में उतरने को तैयार पार्टियों के बीच मोस्ट वांटेड यानी सबसे ज़्यादा चहेता बना दिया है। हालांकि सुनने में आ रहा है कि प्रशांत को नीतीश की पार्टी ने किसी बड़े पद का आॅफर दिया है। लेकिन 37 साल के प्रशांत अभी राजनीति नहीं करना चाहते।
प्रशांत चाहते हैं कि वे राजनीतिक सलाहकार बने और अपनी पार्टी को जिताएं। किशोर के करीबियों की माने तो प्रशांत तो भाजपा के ही राजनीतिक सलाहकार रहना चाहते थे। लेकिन वहां शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें टिकने नहीं दिया। यही कारण है कि उन्होंने बिहार में भाजपा की विरोधी पार्टी का प्रचार कर उसे जिताया। लालू और नीतीश भाजपा की गलती नहीं दोहराना चाहते। वे प्रशांत को चाहे प्रेस के सामने हो या फिर लोगों के सामने, श्रेय देने से नहीं चूकते।
बिहार जैसी ब्रांडिंग की तलाश में कांग्रेस
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