चित्रकूट जिला मा या समय बिजली का हाल बहुतै खराब हवै। कत्तौ बिजली के कटौती तौ कत्तौ बिजली का तार या फेर खम्भा गिरे पड़े हवै।
बिजली विभाग वाले बिजली का बिल तौ बराबर भेजत हवै, पै उनका आम लोगन के समस्या के कउनौ चिंता नहीं रहत हवै। आखिर या बिजली के समस्या का खतम काहे नहीं कीन जात हवै। जनता कबै तक या बिजली से जुड़ी समस्यन का झेलत रही। मड़ई बिजली खातिर हमेशा बिजली विभाग मा लिखित दरखास देत देत परेशान होइ जात हवै। उनके एड़ी तक घिस जात हवै। पै बिजली विभाग वालेन के कान मा जूं तक नहीं रेंगत हवै। का जनता जउन बिजली का बिल बराबर हर महीना भरत हवै। वा रुपिया सेंत मा मिल जात हवै। या बात के जवाबदेही कउन देइ सरकार या फेर बिजली विभाग वाले?
गर्मी इनतान के परत हवै मड़ई कूलर पंखा या सोंच के खरीदत हवै कि उनके बच्चन का कउनौतान से परेशानी न झेलै का परै, पै उनके उम्मीदन मा बिजली न रहैं से पानी फेर जात हवै। अगर बिजली कटौती खतम होइ तौ जनता का भी इनतान न सोचै का परै। पै बिजली कटौती खतम करै खातिर सरकार कत्तौ नहीं सोचत हवै। जउन दिन या बात का गम्भीरता से लीन जई तौ होइ सकत हवै कि बिजली से जुड़ी समस्या से मड़इन का न जूझै का परी। सरकार या फेर बिजली विभाग वाले यहिके खातिर सोचै का कबै तक मा ध्यान देइहै। या बात का इंतजार जनता का बना हवै।