चित्रकूट जिला का मड़ई या समय बिजली के समस्या से बहुतै ज्यादा जूझत हवै। एक कइती बिजली कटौती तौ दूसर कइती बिजली का ट्रांसफारमर जल जाये के कारन मड़इन का जियब मुश्किल होइगा हवै। यहिकर उदाहरण मऊ ब्लाक का हवै।
मऊ ब्लाक मा संतावन ग्राम पंचायत हवैं। हिंया के आबादी लगभग पन्द्रह हजार हवै। या समय येत्ती आबदी का मड़ई बिजली के समस्या का झेल रहा हवै। बिजली न रहंै से मड़इन का मोबाइल चार्ज, बच्चन के पढ़ाई अउर पिसना पिसावैं जइसे के समस्या सउहें आ गे हवै। बिजली विभाग मा नवा ट्रांसफारमर धरैं खातिर कइयौ दरकी कहा गा तौ नाम खातिर एक छोट सा ट्रांसफारमर धइ दीन गा हवै। जबैकि हुंवा दुइ ट्रांसफारमर के जरुरत हवै। अब सवाल या उठत हवै कि का विभाग वालेन का जनता के समस्या के कउनौ चिंता नहीं रहत हवै। जबै कि विभाग कइती से बिजली का बिल बराबर आवत हवै। आखिर या बात के जवाबदेही देब केहिके जिम्मेदारी आय? अगर देखा जाये तौ कइयौ शहर मा बड़े बड़े कारखाना, फैक्टी चलत हवै। हुंवा फिजूल बिजली खर्चा होत हवै। अगर ट्रांसफारमर जल जात हवै तौ तुरतै नवा ट्रांसफारमर धइ दीन जात हवै। का या बात सरकार का पता नहीं हवै।
या फेर वा बिजली विभाग वालेन से जवाबदेही नहीं लेत हवै। यहिके खातिर सरकार का बिजली विभाग वालेन से जवाबदेही लें के जरुरत हवै। तबहिने बिजली के गम्भीर समस्या से जनता का छुटकारा मिल सकत हवै।
बिजली करै हाल बेहाल
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