जिला चित्रकूट,ब्लाक पहाड़ी,गांव आजमपुर मा 2016 मा बिजली का कनेक्शन भे रहे हवै। लगभग चालीस मड़इ कनेक्शन करवाइन रहै। छह महीना के बाद हिंया मीटर लाग हवैं। मीटर तौ लाग गे हवै, पै न तौ जेई देखै आवै कि केतने मीटर लाग हवै, न तौ मीटिंग होत आय। पूरे गांव का आंकड़ा लगाके कउनौ का अठारह हजार, तौ कउनौ का तीस हजार बिल आवत हवै। जब हिंया घरेलू हवै तौ एतना बिल काहे आवत हवै। सरकार के पास कइयों दरकी दरखास दे के बावजूद सुनवाई नहीं होत आय।
कमलेश कुमार का कहब हवै कि तीन साल का बिल सत्ताईस हजार बिल भा हवै, न तौ मीटर बने अउर न तौ मीटर मा चढ़ा आय। दयाराम बताइस कि शाम के समय खाना बनावै के दरकी बिजली चली जात हवै। वा समय मा कबहूं बिजली नहीं रहत आय। जबै बिजली नहीं रहत आय तौ बिल एतना ज्यादा कहां से आवत हवै। कनेक्शन करत समय तौ कहा गा रहै, कि सौ डेढ़ सौ रुपिया बिल अइ। उचित बिल का पैइसा तौ कउनौतान मड़इ भर देइ। कइयों दरकी गये हन तौ कहत हवै, कि संसोधन होइ जबै पइसा देहो तबै, नहीं तौ संसोधन न होइ। पइसा देके बावजूद भी काम नहीं होत आय। सुमित्रा देवी का कहब हवै कि बिल भरी कि खइ, कि दाना खरीदी। बिल भरै के बावजूद बिजली का कउनौ सुधार नहीं होत आय। हिंया कउनौ का अठारह हजार तौ कउनौ का सत्रह हजार अउर कउनौ का बीस हजार आवत हवै। अनिल कुमार प्रजापति का कहब हवै कि बिजली तौ हम खर्च नहीं करित आहीं तौ एतना बिल काहे आवत हवै। महीना मा पांच हजार रुपिया का बिजली बिल आवत हवै। मड़इ एक बल्व जलावै का तरसत हवै तौ एतनी बिजली कहां से आगे हवै, कि हम एतनी बिजली खर्च करै लागे हन।
सब स्टेशन आँपरेटर अशोक कुमार पांडे का कहब हवै कि जबै बिल लइहैं तौ एस.डी.ओ.व जेई साहब वहिका देखै के बादै संसोधन करिहैं। अगर मीटर अबै लाग हवै, तौ पहिले चला होई वा आपन बिल लइके अइहैं तौ मीटर मा रीडिंग महीना के हिसाब से निकास होई जइ। जहां मीटर नहीं लाग रहत आहीं हुंवा बिल ज्यादा आवत हवै। मीटर लागे के बादौ भी वहिनतान शामिल कीन जइ। कैम्प मा एस.डी.ओ.व जेई क्लर्क रहत हवै, तौ वा समय कार्यवाही होई सकत हवै बैइठय से कुछ नहीं होत आय।
रिपोर्टर- सहोद्रा