जिला बांदा। बांदा जिले में कुल ग्यारह हजार पांच सौ इक्यावन मीट्रिक टन खाद आ चुकी है पर पन्द्रह सौ मीट्रिक टन खाद और आने की बात चल रही है। फिर भी कई किसानों को अब तक खाद नहीं मिल पाई है। कई किसानों ने सहकारी समिति के वितरण के तरीके पर सवाल उठाया है।
तिन्दवारी सहकारी समिती से सोलह गांव के किसान खाद लेते हैं। 23 अक्टूबर को गोधनी गांव के रामरूप, परसौड़ा गांव के रामचन्द्र, पिपरगवां के कल्लू और गरौती के राजू घंटों लाइन में खड़े रहे पर खाद नहीं मिली। किसानों का कहना है कि मंडी सचिव अपने जान पहचान वालों को पर्ची के बगैर ही खाद दे रहे थे और बाकी किसानों को दूसरे दिन आने को कहा गया। सहकारी समिति तिन्दवारी के मण्डी सचिव देवेन्द्र सिंह परिहार का कहना था कि चार ट्रक खाद के वितरण के बाद खाद खत्म हो गई थी।
ब्लाक महुआ, गांव नाई के जयकिषोर पंद्रह दिन से सहकारी समिति से खाली हाथ लौट रहे हैं। उनका आरोप है कि समिति वाले अपने चहेतों को चोरी से खाद दे रहे हैं। मण्डी सचिव जयकिषोर कहते हैं कि कुछ किसान लाइन तोड़कर खाद लेने की कोषिष करते हैं, इसलिए वितरण में परेषानी हो रही है।
जिला कृषि अधिकारी बाल गोविन्द यादव का कहना है कि अगर कोई सोसाइटी सचिव खाद देने में गड़बड़ी करते हुए पाया गया तो उसकी दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही सचिव और गड़बड़ी करने में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जा सकती है।