जिला बांदा। गांवों में घर घर में रोशनी पहुंचाने का लक्ष्य भूलकर बिजली विभाग में अंधेरगर्दी छायी है। कहीं बिजली कनेक्शन बिना ही बिल भेजे जा रहे हैं तो कहीं कनेक्शन काटने की दरखास देने के बाद भी कनेक्शन काटने के बजाय लाखों का बिल भेजे जा चुके हैं। ऐसे ही कुछ मामले 20 जनवरी 2015 को अतर्रा और बबेरू तहसील दिवस में सामने आए। बिजली विभाग की लापरवाही का सामना कर रहे कई लोगों ने अपनी-अपनी शिकायतें अधिकारियों को सौंपी।
ब्लाक बबेरू, गांव कुचेदंू। यहां के ननकाई, सीताराम, जागेश्वर, नन्दकिशोर, कालका, देवराज, ख्याली और फूलचन्द्र ने बताया कि जनवरी 2013 में बबेरू बिजली विभाग के जे.ई. बिजली लगाने के लिए सर्वे करने गए थे। गांव से हम आठ लोगों ने कनेक्शन के लिए नाम लिखा दिए। जे.ई. ने उनके नाम कनेक्शन पर्ची भी काट दी। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी 2013 को तार, खम्भा और ट्रांसफारमर लग जाएंगे। लेकिन आज तक न खम्भे लगे और न ट्रांसफारमर। 1 जनवरी को बिजली विभाग ने हर व्यक्ति के नाम दो हज़ार एक सौ बीस रुपए का बिल भेज दिया। बिना कनेक्शन आए बिल की शिकायत लेकर हमने तहसील दिवस में दरखास भी दी है।
ब्लाक नरैनी, गांव डढ़वामानपुर, मजरा कारीडांडी। यहां के रामप्रसाद पटेल का कहना है कि मैं बुंदेलखंड एकीकृत जल संस्थान परियोजना ग्राम समिति का अध्यक्ष हूं। मैंने अपनी ज़मीन की गाटा संख्या 598 में इस परियोजना के तहत सामुदायिक लिफ्ट का कनेक्शन करवाया था। कनेक्शन संख्या 000526 है। सामुदायिक लिफ्ट से सिंचाई की जाती है। लिफ्ट को कडेहली नाला से जोड़ा गया था। पर सामुदायिक लिफ्ट से हमें सिंचाई का फायदा नहीं मिला, इस पर 23 जुलाई 2011 से हम कई बार कनेक्शन कटाने के लिए अतर्रा और बांदा विद्युत उपखण्ड में दरखास दे चुके हैं। लेकिन कनेक्शन न काटकर विभाग लगातार बिल भेजे जा रहा है। अब तक सात लाख रुपए बिल हो चुका है। 20 जनवरी 2015 को अतर्रा तहसील दिवस में तहसील दिवस प्रभारी मण्डलायुक्त को भी हमने दरखास दी है।