पांच में से दो सड़कों के लिए बजट तो पास हुआ है पर काम कब शुरू होगा और कब तक सड़कों की हालत सुधरेगी – इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है।
जिला बांदा। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की तरफ से चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी पांच सड़कें उखडी़ पड़ी हैं। कई गांव के लोगों ने नवम्बर 2014 में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दरखास देकर सड़क बनवाने की मांग की है।
ब्लाक बड़ोखर खुर्द। कपसा गांव से मरौली तक पांच किलोमीटर सड़क तीन साल से उखड़ी पड़ी है। दूध लेकर बांदा शहर आने वाले मोहन पुरवा के चुन्नी,जगदीश और राजू बताते हैं कि सड़क में इतने गड्ढे हंै कि रास्ता में साइकिल लेकर चलना मुश्किल हो जाता है।
बबेरू से मर्का की सड़क बीस किलोमीटर तक चार साल से खराब है। समगरा गांव के मुन्ना और मझिला गांव के बेसनिया का कहना है कि कई बार डिलेवरी के लिए एम्बुलेंस तक गांव में नहीं आ पाती है।
ब्लाक महुआ और तिन्दवारी। खुरहण्ड से बासी गंाव, बबेरू से आलमपुर की सड़क, तिन्दवारी से पचनेही की सड़क, बांदा पैलानी से सांड़ी की सड़क, और बांदा बहराइच रोड से लुकतरा गांव तक की सड़कें उखड़ी पड़ी हैं।
बंादा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिषासी अभियंता ए.के. त्रिपाठी ने बताया कि 2014-2015 में पांचों सड़कों का प्रस्ताव बनाकर अक्टूबर में लखनऊ भेजा गया था। इनमंे से दो सड़कों का बजट पास हो गया है – पहली सड़क पैलानी से सांड़ी तक की सड़क का बजट साढ़े चार करोड़ और दूसरी बांदा बबेरू से आलमपुर तक की सड़क का बजट तीन करोड़ इक्कीस लाख रुपए पास होकर आ गया है।