जिला बांदा। बांदा का रोडवेज बसस्टाप अगस्त से बनत है। जेहिमा सिर्फ अबै तक पुरान इमारत भर गिराई गे है। बहुतै लोगन का कहब है कि या काम कछुआ के चाल नहीं घोड़ा के चालै से बनै। तबहिन सवारिन अउर परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी का सुकून मिल सकी 17 अक्टूबर का बांदा से इलाहाबाद, कानपुर अउर लखनऊ के सवारी रोडवेज बसन का इंतजार करत रहै। उंई कहिन कि हपता मा चार दिन यतना दूर का सफर करैं का परत है। भीड़ भाड के चलत एक घण्टा पहिले आ के बस का इंतजार करैं का परत है। इंतजार करैं खातिर पूरे बसस्टाप मा धूल मिट्टी बालू ईटा के आलावा कुछ निहाय। लगातार तीन महीना से या समस्या बनी है। परिवहन विभाग कर्मचारी बताइन कि यहै कारन विभाग तीन महीना से किराया के इमारत मा है।
बस ड्राइवर का कहब है कि बस लगावैं अउर निकारैं मा बहुतै ध्यान दें का परत है। तनिक चूक होई जाय तौ बडी दुघर्टना होई सकत है। परिवहन विभाग के बाबू बताइन कि या निर्माण कार्य समाज कल्याण विभाग करावत है। यहिसे विभाग का कउनौ लेना देना निहाय।
बसस्टाप निर्माण, कछुआ के चाल
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