22 जून को बल्लभगढ़ के पास एक लोकल ट्रेन में चार मुस्लिम लड़कों की पिटाई और एक लड़के की हत्या के विरोध में खन्दावली गांव के लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज़ पढ़ी और ईद नहीं मनाई। यहां हर कोई बिगड़ते साम्प्रदायिक माहौल को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
जुनैद के घर काली पट्टी बांधकर आए आसपास के गांवों के लोगों का आना-जाना लगा रहा। ईद के मौके पर हर कोई उनके गम में शरीक दिखा। घरवाले इंसाफ की मांग कर रहे हैं। जुनैद के पिता जलालुद्दीन का कहना है कि ”अब मेरा बेटे तो चला गया लेकिन सरकार अब देश में बिगड़ते माहौल को ठीक करे जिससे फिर कोई और जुनैद की मौत न मारा जाए। ”
जुनैद की बल्लभगढ़ के पास असावती में भीड़ ने पीटकर और चाकू मारकर हत्या कर दी। चश्मदीदों के मुताबिक झगड़े के दौरान साम्प्रदायिक टिप्पणी भी हुईं। लोग इस घटना को लेकर सरकार के रुख से बेहद नाराज हैं। आसपास के इलाके से आए लोगों ने कहा कि आजकल टोपी पहनकर, दाढ़ी रखकर चलने में डर लगता है। एक और शख्स ने कहा कि जुनैद की मौत समाज में फैल रही नफरत का नतीजा है। आज मुस्लिम समुदाय डरा हुआ है।
इस मामले पर नरेंद्र मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए जा रहे सवालों के बीच भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने 26 जून को कहा है कि वो और उनकी पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चिंतित है।
अंसारी ने कहा कि वो अल्पसंख्यकों को ऐसा लगना चाहिए कि “सरकार उनकी चिंता करती है।” अंसारी ने कहा, “समुदाय को ऐसा माहौल दिया जाना चाहिए जिसमें वो सुरक्षित महसूस कर सकें और उन्हें लगे कि सरकार उनकी परवाह करती है।”
अंसारी ने कहा, “मैं न केवल मुसलमान के तौर पर बल्कि एक भारतीय नागरिक, एक राजनीतिक दल के सदस्य के रूप में इसे लेकर चिंतित हूं। मेरी पार्टी भी इस मामले को लेकर इतनी ही चिंतित है।”
अंसारी ने कहा, “कोई भी बीजेपी नेताओं और बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार की नीयत पर सवाल नहीं उठा सकता।”