जिला महोबा, ब्लाक पनवाड़ी, गांव बागोल इते पानी बरसे के मारे चार खपरेल घर गिर परे ओर घर गिरबे को डर हे पन्द्रह साल से बने जे घर अहिरवार समुदाय के लोगन के हते जीखे मारे अब आदमी बोहतई परेशान हें।
बागोल गांव खे तुलसा कहत हे कि पानी के मारे हमाय घर की दीवार गिर परी जीखे मारे बोहतई परेशान हे फूटे घर में खाना बनात ओर शाम के पानी बरसन लगत तो भूखे सोने परत काय खे पानी के मारे सब भीग जात सो बना नई पाउत
रेखा ने बताई के जब हमाओ घर गिरो तो हे उमे हम सब जने बेठे हते दादी, महतारी, बाप, भज्जा बेने सब बच गये अब सब जने एकई घर में सोत बई में रोटी बनत बई में सब सामान धरो हे।
इते खे संगीता कहत हे कि हमाय महतारी बाप दिल्ली में रहत हें हम छः बेने हें सो जा लगत के कबे गिर परे इके मारे डेरात रत ओर रात भर सो नई पाउत ओर कोऊ कबे घर में घुस आबे हम ओर अकेले रत घर कबे गिर जाबे छपरा में गुजारो करत हें।
चंद्रभान ने बताई के हम मजूर आदमी हें अब का करे केते जाबे प्रधान से कहत हें सो के देत हओ हओ दो तीन दार के दई अबे तक कछु नई करो न कालोनी दई न फार्म भरो सब गांव के अहिरवार आदमी परेशान हो रए कोऊ कोऊ तो शाम के तक रोटी नई बना के खा पा रए पानी बरसबे खे मारे।
13/07/2016 को प्रकाशित
बरसात शुरू, घर घिरे
महोबा जिले के पनवाड़ी ब्लॉक के बागोल गाँव में दलितों के कच्चे घर गिरने का खतरा