महाराष्ट्र की महिला आयोग सदस्य आशा मिर्गे की तरफ से बहुत हैरान करने वाले बयान सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों के कपड़े और व्यवहार सही होने चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने 16 दिसंबर 2012 में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में भी कहा कि क्या ज़रूरत थी लड़की को रात में फिल्म देखने जाने की। मुंबई में महिला पत्रकार के साथ हुए बलात्कार के मामले में भी उन्होंने कहा कि 6 बजे शाम को उसे नहीं जाना चाहिए था। हालांकि बाद में विरोध का सामना करने के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।
बयान पर बवाल
पिछला लेख
मिस्र की हिंसा में लोगों की मौत
अगला लेख