बन्दर मामा सज़ धज कर गये बन्दरिया के पास,
हाथ जोड़कर प्यार से बोले
मत करना तुम हमें निराश,
तुम कर लो शादी नहीं चाहिए हमें दहेज,
देखभाल खूब करुंगा तेरी रखूंगा मै खूब सहेज,
वह बोली बस एक शर्त पर
पूरी होगी तेरी इच्छा
अब मरदों का गया जमाना
देनी होगी तुम्हें परीक्षा,
ए बी सी डी क ख ग घ बारह खड़ी सुनाओ
फिर जब चाहो अपनी मर्जी लेकर बारात आ जाओ
खिसियाकर मन्दर मामा पूंछ हिलाकर बोले हुर्र
शादी अभी नहीं है करना पलक झपकते हो गये फुर्र।
नाम-पूजा कुमारी
ब्लाक-तारुन