नगरपालिका का चुनाव के नामांकन के बाद प्रचार प्रसार शुरू होय लाग हवै। एक एक पद खातिर दस–दस उम्मीदवार खड़े हवै। अब देखै का हवै कि जनता केहिका चुनत हवै। या दरकी हर पार्टी आपन–आपन उम्मीदवार खड़ा करिस हवै।
चित्रकूट जिला मा 22 नवम्बर का वोट पड़े का हवै। या से उम्मीदवार जोर–शोर से लाग हवै।साथै अपने का अच्छा अउर दूसर पार्टी का विरोध जतावत हवैं का या बात सही आय? अरे तुम आपन काम करौ दुसरें का काहे घसिटत हौं तुम कउन दूध के धूले हौ।समाजवादी पार्टी के चित्रकूट उम्मीदवार नरेंद्र गुप्ता का कहब हवै कि या दरकी के चुनाव मा सपा जीत के आगे अई?
भाजपा पार्टी तौ कुछ नहीं कई के देखाइस आये पै हम तौ जनता का पूर विकास दें का तैयार हन।
भाजपा के उम्मीदवारन का कहब हवै कि केंद्र अउर राज्य दूनौ जगह हमार सरकार हवै। हमें तौ जीत के आवे का हवै।बहुजन समाज पार्टी तौ कत्तौ आपन घोषणा पत्र नहीं निकारिस हवै या दरकी तौ वा भी घोषणा पत्र घोषित करिस हवै।
कांग्रेस पार्टी वालेन का कहब हवै जनता या दरकी हमही का चुनी काहे से गरीबी मिटावै का काम करत रहा हवै अउर आगे भी करी?इं सब पार्टी के बारे मा जनता मा सब से ज्यादा या दरकी भाजपा पार्टी के खिलाफ गुस्सा देखात हवैं।जनता का कहब हवै कि पिछले तीन बरस मा मोदी का करिस हवै अउर पिछले छह महीना मा योगी भी कुछ नहीं करिस आय।यहैं से हम तौ कत्तौ भूल के वोट न देबै।पता नहीं सच्चाई का हवै?जनता का गुस्सा सही आय या देखावा आय?