जाड़े के मौसम मा गुड़ के पट्टी सबका पसंद आवत हैं। बच्चा से लइके बूढ़ तक सबै यहिका पसंद करत हैं। चलौ बांदा जिला मा हेंया देखित है गुड़ से कउन- कउन चीज बनत है। पहिले जानित है लाई के लड्डू बनावें के बारें मा।
दूकानदार बाबु साहू बताइस कि पहिले गीध के चाशनी बनावा जात है फिर वहिमा लाई मिलवा जात है। जबै लाई गुड़ अच्छे से मिल जात है तौ लड्डू बनावा जात है। सुबेरे पांच बजे बनाइत है फेर दस बजे से बेंचब शुरू करित है। गर्मी मा गुड़ पिघल जात है यहै कारन ठंडी मा बनावा जात है।
दुकानदार भइयालाल कहब है कि गुड़ के पट्टी बनावै खातिर पहिले मूंगफली के दाना भूंज लेइत है। फेर गुड़ का सीरा बनावा जात है। अउर वहिमा मूंगफली डालके जमा देइत है। फेर छोट-छोट काट लेइत है। ठंडी के मौसम मा मड़ई यहिका ज्यादा पसंद करत हैं काहे से गुड़ के पट्टी खाएं मा नींक तौ लागत है। पै फायदा भी बहुतै करत है।
रिपोर्टर-गीता देवी
pulished on Dec 20, 2017