छोटे बड़े विद्दालय तो अपने कई देखे होंगे इनके शिक्षक से भी आप मिले होंगे|
लेकिन सीताराम जैसा शिक्षक शायद ही देखा हो महोबा जिले के गहरा गांव में पेड़ के नीचे एक छोटा सा स्कूल चलाते हैं 50 वर्षीय सीताराम ने बताया कि मैं सन 1978 से स्कूल में पढ़ा रहा हू मैंने सोचा कि अपने गांव में रहू मेरा भी भला हो और दूसरों का भी इस तरह से मैने अपनी पूरी जिन्दगी गुजार दी।बच्चों को पढ़ाना इनका पेशा नहीं बचपन का सपना है
सीताराम ने बताया की हमारा सपना था कि हम अपने गांव में स्कूल चलाए हमारे घर में कोई पढ़ा लिखा नहीं था हमारे पिता खेती करते थे पांचवी तक के स्कूल में 90 बच्चे पढ़ते है। मेरे पढ़ाये बच्चे आज नौकरी कर रहे है।कोई मलेट्री में है तो कोई लेक्चरार है बेहद सरल तरीके से बच्चों को पढ़ाते है।गहरा गांव के बच्चों के पसंदीदा शिक्षक सीताराम।
बाईलाइन-सुनीता महोबा
04/09/2017 को प्रकाशित