सरकार बाल शिक्षा अधिकार के तहत पढ़ै वाले बच्चन का गांव मा प्राथमिक विद्यालय अउर पूर्व माध्यमिक विद्यालय मा खेल कूद इं सबै व्यवस्था लागू कीने हवै, पै इं व्यवस्था कहां तक नींकतान से चलत हवैं। या बात का पता करैं तौ सच्चाई कुछौ अउर कहत हवै।
चित्रकूट जिला मा तीन सौ तीस ग्राम पंचायत हवै। इं ग्राम पंचायत के कुछ गांव मा प्राथमिक अउर पूर्व माध्यमिक विद्यालय अबै तक नहीं बना आय। जइसे कि मऊ ब्लाक, तुर्गवां गांव मजरा पाल डेरा का हवै। हिंया स्कूल नहीं बना आय। यहै से कइयौतान के समस्या का झेलैं का परत हवै। यहिकर असर ज्यादातर बच्चन के भविष्य मा परत हवै। अब सवाल या उठत हवै कि अबै तक वा पुरवा मा प्राथमिक विद्यालय काहे नहीं बना आय। का या बात संकुल प्रभारी अउर शिक्षा विभाग वालेन का पता नहीं आय। या फेर उंई यहिके बारे मा कत्तौं ध्यान दें का नहीं सोचिन?का या बात के चिंता विभाग अउर सरकार का नहीं आय। जबै तक प्राथमिक स्कूल न बनी तबै तक बाल शिक्षा अधिकार कानून नींकतान से सफल नहीं होइ सकत आय? यहिके जवाबदेही दें के जिम्मेदारी संकुल प्रभारी, शिक्षा विभाग के अधिकारियन के आय? या फेर यहिक जवाबदेहीे सरकार देइ । या बात के जवाबदेही सुनै का इंतजार जनता का हमेशा बना रहत हव?
बच्चन के भविष्य का, का होइ
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