बांदा जि़ला। जि़ले के ब्लाक महुआ के नौहाई गांव में घुसते ही बगुलों के क्यां क्यां की मनमोहक आवाज़ सुनाई देने लगती है। यहां कई इमली, पीपल और सफेदा के पेड़ हैं, जहां झुंड के झुंड बगुले बसते हैं।
गाँव के जागेस्वर, रामप्रसाद और जयपाल ने बताया ‘‘हम लोग इनकी खास देखभाल करते है और बगुले हमारी देखभाल करते हंै। हम लोग इनको रहने के लिए अपने गांव में जगह देते हैं। दूसरे गांवों में इनको मार कर भगा दिया जाता है। क्यांेकि यह रात में शोर मचाने के साथ-साथ गंदगी भी फैलाते हंै। हम लोग रोज़ पेडों के नीचे सफाई करते हैं, चुगने के लिए दाने डालते हैं और घड़ांे में पानी भरकर रखते हैं। इनके शोर मचाने से गांव में चहल-पहल रहती है।
गांव में यह सुरक्षा गार्ड की तरह काम करते हैं। रात को गांव में अगर कोई अजनबी या चोर, बदमाश घुसता है, तो यह पक्षी अपने पंख फड़फड़ाते हैं और क्यंा क्यां की आवाज लगाते हैं। यह हर साल मार्च अप्रैल के माह में आते हैं और ठंडी पड़ने तक चले जाते हैं।’’