जिला महोबा, ब्लाक कबरई ओर चरखारी। एते पहले ओर दूसरे चरन में चुनाव शान्ति पूर्वक भये हे। जीमें आदमी दूर-दूर से बोट डारन आओ हतो। पे साधन न चले के कारन परेशानी को सामना करने परो हे।
1 दिसम्बर खा होये वाली चुनाव में प्रमोद अन्जू ओर नारायण आन परिवार के साथे दिल्ली में रहत हतो। जोन प्रधानी के वोट देय के लाने सूपा गांव आओ हतो। पे साधन न मिले के कारन परेशानी को सामना करने परो हे।
गांव अकठौहां गांव को बाबू वोट डारें के बाद दिल्ली जाये की तैयारी में हतो। पे साधन न होय के कारन खुद से डेढ़ सौ रुपइया देके चरखारी आओ हतो। जभे की किराया दस रुपइया हे।
ब्लाक कबरई के गांव रैपुरा के राम जानकी कहत हे की सूपा स्टैंण्ड में रोज दस आटो ठाड़ रहत हते, में सोचत हती की आसानी से चरखारी चली जेहों। पे साधन न होंय के कारन वापस महोबा जाने परहें। जीखो किराया बीस रुपइया लगहे। गांव से दस रुपइया देके सूपा स्टैंण्ड आई हती।
आशारनी ओर पे्रमरानी कहत हे की तीन किलोमीटर दूर सूपा गांव हे छोट्-छोट् बच्चा हे। कहां तक पेदल चलहें। प्रसासन ज्यादा से ज्यादा वोट डारे खा कहत हे ओर साधन बंन्द करा देत हे।
रामस्वारूप, बबलू सियारानी ओर विमलेश कहत हे की कबरई से बस में बरबई तक तो आ गये हे, पे कहरा ओर सिरसी गांव के लाने कोनऊ साधन नइयां। हम सोचत हते की शायद एते से मिल जेहे। पेदल जेहे तो स्कूल ओर बन्द हो जेहे। काय से सिरसी कला गांव लगभग आठ किलो मीटर हे।
बंन्द रहे साधन आयें जायें में परेशानी
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