हाल ही में आई पीके फिल्म को लेकर सराहना मिली तो आलोचना भी हुई। पी.के. बने आमिर खान एक ढोंगी बाबा के सामने कुछ ऐसे सवाल उठाते हैं जो उनके धर्म के धंधे पर चोट करता है।
फिल्म में पी.के. दूसरे ग्रह का है जो धरती पर आकर अजीबो गरीब स्थिति में फंस गया है। उसके लिए भगवान एक नई चीज़ है। बेहद मासूमियत से वह धर्म के नाम पर मची लूट को उजागर करता है। धर्म के साथ कई सामाजिक मुद्दों पर भी पीके की कहानी का ताना बाना बुना गया है। जैसे इस फिल्म की हिरोइन अनुष्का जिसका नाम जग्गू है। वह एक मुसलमान लड़के से प्रेम कर बैठती है। लेकिन किसी गलफहमी के चलते उसे लगता है कि उस लड़के ने उसे धोखा दिया। पर बाद में दोनों मिलकर उस गलत फहमी को दूर करते हैं।
दरअसल यह गलत फहमी एक धर्मगुरु ने फैलाई थी। यह मुद्दा हाल ही में खूब प्रचारित किए गए ‘लव जिहाद’ की सोच पर चोट करता है। फिल्म का विरोध भी किया जा रहा है। इसकी वजह हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के के बीच हुए प्रेम को तर्कों द्वारा सही साबित करना है। धर्म के ऊपर हुई चोट के कारण कुछ संगठन बौखलाएं हैं। आरोप है कि पीके में धार्मिक मान्यताओं की हंसी उड़ाई गई है। ऐसे में जबकि धर्मांतरण और दूसरे धर्मों में की शादी को लेकर राजनीति गरम है, इस फिल्म को देखना रोचक होने के साथ ही आंखें खोलने वाला भी होगा।
फिल्मी दुनिया से – आखिर यह डर क्यों?
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