कलाकार – अजय देवगन, श्रेया सरन, तब्बू, रजत कपूर, इशिता दत्ता, कमलेश सांवत। निदेशक – निशिकंत कामत, संगीत- विशाल।
एक आम आदमी कितना तेज़ हो सकता है और एक परिवार कैसे मुसीबत में भी एक रहता है। यही है दृश्यम। कहानी की शुरूआत होती है गोवा के एक केबल आपरेटर विजय सालगंवकर यानी अजय देवगन से। चैथी फेल विजय के परिवार में दो बेटियं और पत्नी यानी श्रेया सरन हंै। इनकी जि़्ान्दगी अच्छी खासी बीत रही है। इनके जि़्ान्दगी में तब तहलका मचना शुरू हो जाता है जब आई जी मीरा देशमुश यानी तब्बू का बेटा गायब हो जाता है।
मीरा को यकीन रहता है कि विजय ने ही उसके बेटे को गायब करवाया है। लेकिन कोई भी सबूत विजय को फंसने नही देते हैं। जिसकी वजह से विजय के जाल में मीरा उलझ जाती है। क्या सचमुच विजय और उसके परिवार का हाथ है मीरा देशमुख के बेटे को गायब करने में या नहीं। क्या हुआ आई जी के बेटे का। इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा आपको दृश्यम में।
फिल्म देखने वाले दर्शक को यह मालूम होता है कि आई जी के बेटे का क्या हुआ। लेकिन यह बात देखने में काफी दिलचस्प लगती है कि कैसे कातिल पुलिस की जंाच से बेदाग बच जाता है। और पुलिस उसका कुछ नहीं कर पाती।
करीब ढाई घण्टे चलने वाली फिल्म दृश्यम शुरूआत में आपको थोड़ा बोर करेगी। लेकिन बाद में फिल्म आपको बंाधे रखेगी। फिल्म में अजय देवगन के काम पर उनके उम्र का असर साफ नज़्ार आता है। श्रेया ने अपना काम ठीक ठाक किया है। तब्बू भी अपने रोल में फिट हुई है। एक पुलिस वाले के रोल में कमलेश सावंत का अभिनय दमदार है।