1993 में हाॅलीवुड में नई फिल्मों का दौर शुरू हुआ। जुरासिक पार्क 1993 में करोड़ों के बजट खर्च करके बनाई गई थी। ये फिल्म डायनोसाॅर नाम के जानवर पर आधारित थी जो सैकड़ों साल पहले धरती से विलुप्त हो गया था।शायद ही किसी ने सोचा था कि विज्ञान से जुड़ी ये फिल्म हाॅलीवुड ही नहीं बल्कि दुनिया भर में इतनी बड़ी हिट होगी। सालों तक उस दौर के बच्चे भारत तक में फिल्म की चर्चा किया करते। डायनोसाॅर शब्द तो कितने ही लोग जानते ही सिर्फ इस फिल्म के कारण हैं।
2015 में लगभग बीस साल बाद इस फिल्म का चैथा भाग निकला। जून में रिलीज़्ा हुई ‘जुरासिक वलर््ड’ ने सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए। पहले तीन दिनों में ही फिल्म ने तीन सौ करोड़ रुपए का कारोबार किया। इससे पहले किसी फिल्म ने इतनी जल्दी इतने करोड़ों का कारोबार नहीं किया था। अभी भी फिल्म सिनेमा घरों में हाउस फुल चल रही है।
1993 में पहली बार दिखाया गया था कि कैसे जब मनुष्य ने डायनोसाॅरों को दोबारा बनाने और जगाने की कोषिष की तो कैसे मानवता को लेने के देने पड़ गए। लेकिन इसी के साथ दुनिया में वापस डायनोसाॅरों का आगमन होता है। चार पैर और बड़े से मुंह और दांत वाले ये डायनोसाॅर अलग-अलग तरह के होते हैं पर एक बड़ी छिपकली के जैसे दिखते हैं। जुरासिक पार्क की सभी फिल्मों की तरह इस भाग में भी दर्षक फिल्म पर से अपनी नज़्ारें नहीं हटा पाते हैं। बचना, बचाना और तो और पहले से कहीं ज़्यादा रोमांच और डायनोसाॅर इस फिल्म को पैसा वसूल बनाते हैं।