कहानी घर घर की। मतलब वही कहानी जो करीब करीब हर घर में घटती है। कुछ ऐसी कहानी है ‘दिल धड़कने दो’। एक परिवार जहां मां बाप हैं, बच्चे हैं। घर की समस्याएं हैं, रिश्तों का उतार चढ़ाव है। इस फिल्म के केंद्र में है मेहरा परिवार।
अनिल कपूर इस परिवार के मुखिया हैं। रणबीर और प्रियंका इस परिवार के बच्चे हैं। इन दोनों की अपनी अपनी समस्याएं हैं। एक रईस परिवार की यह कहानी है। मगर यह परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। अनिल कपूर अपने घर और करियर से ब्रेक लेने के लिए अपनी तीसवीं सालगिराह एक समुद्री जहाज यानी क्रूज में मनाते हैं। चारों ओर समुद्र का गहरा पानी और बीच में एक जहाज। एक लंबा चैड़ा परिवार। और हर सदस्य की अपनी एक कहानी। बेहतर नजारे हैं। डायलाग भी ठीक ठाक हैं। अनुष्का और प्रियंका चोपड़ा का तड़का है तो रणबीर और फरहान अख्तर के कारनामे हैं।
अगर कुछ गायब है तो वह यह कहानी। तो फिल्म में कहानी की खोज करने वाले दर्शक बिल्कुल भी इस फिल्म को न देखें। मगर अच्छे नजारों और खूबसूरत सितारों को देखने के शौकीन बेझिझिक जाएं।