फिल्म – ‘‘निल बट्टे सन्नाटा’’
कलाकार-स्वरा भास्कर,रिया शुक्ला
निर्देशक- अश्विनी अय्यर
निर्देशक अश्विनी अय्यर ने अब तक कई विज्ञापन बनाये हैं। अपनी पहली फिल्म के तौर पर निश्चित ही ‘निल बट्टे सन्नाटा’ से बहेतर फिल्म उन्हें नहीं मिल सकती थी। यह उनकी पहली, बतौर डायरेक्ट फिल्म है. आइये जानते हैं, कैसी हैं यह फिल्म…
कहानी शुरू होती है पेठे की नगरी ‘आगरा’ से, जहां (स्वरा भास्कर) एक कामवाली बाई चंदा सहाय अपनी बेटी अपेक्षा सहाय (रिया शुक्ला) के साथ रहती है। जब अपेक्षा दसवीं क्लास में पहुंचती है तो चंदा को उसके भविष्य की चिंता होने लगती है क्योंकि अपेक्षा गणित में काफी कमजोर है। चंदा यहां अनोखा उपाय खोजती है।. चंदा जिसके घर काम करती है उनकी सलाह लेकर अपेक्षा के स्कूल में ही दाखिला ले लेती है। फिर एक ही क्लास में पढ़ते हुए मां और बेटी के बीच कॉम्पिटिशन शुरू हो जाता है। जिसका अंजाम काफी दिलचस्प होता है। इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
एक साधारण कहानी को बेहद मनोरंजक तरीके से पेश कर डायरेक्टर ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। मां-बेटी, उनकी गरीबी और सपने को पूरा करने की चाह को फिल्म के दौरान दिखाया गया है। कहानी छोटी है लेकिन असरदार है। आपसी झगड़ों, स्कूल में बर्ताव और निजी जिंदगी की झलकियों को कैमरे में बखूबी कैद किया गया है।
स्वरा भास्कर ने अब तक कम, लेकीन बेहतरीन काम किया है और यह फिल्म उनकी बेहतरीन अदायगी का अच्छा उदहारण हो सकती है। उनकी बेटी बनी रिया शुक्ला ने कहानी के मुताबिक अपनी अदायगी का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जिससे आप खुद को किरदार से कनेक्ट होता हुआ पाते हैं। कुछ ऐसे पल भी आते हैं जो आपको इमोशनल बनाते हैं।
फिल्म का गाना ‘डब्बा गुल’ अच्छा है, साथ ही फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी कहानी के साथ सटीक चलता है।
अगर आपको लीक से हटकर फिल्में देखना पसंद है, तो पूरे परिवार के साथ आप ‘नील बट्टे सन्नाटा’ फिल्म देख सकते हैं।