चित्रकूट। जिले में इस बार सरसों और चने की फसल में जोरई नाम का कीड़ा लगने से फसल बर्बाद हो रही है। लेकिन कृषि विभाग से लोगों को कीड़े की दवाई नहीं मिल रही है। कर्वी ब्लाक, गांव पुरवा तरौंहां के कल्ली और पवन ने बताया कि सरसों और चना की फसल बोई है। इसी से घर का खर्चा चलता है। लेकिन इस साल रवि की फसल में कीड़ा लग गया है।
मानिकपुर ब्लाक, गांव दुधवनिया। यहां के नत्थू और माराचन्द्रा गांव के सूरजपाल का कहना है कि दस बीघा जमीन में सरसों, चना की फसल बोई है। उधार लेकर खाद और बीज खरीदा था। लेकिन फसल खराब हो गई। कीड़े में डालने के लिये मानिकपुर खाद, बीज भंडार से दवा लेने जाते हैं तो वहां नहीं मिलती है।
ब्लाक मऊ, गांव तुर्गवा, मजरा मड़हा। यहां के जगोल, वस्सूदेवी सुमन और लखन का कहना है कि मऊ कस्बा के कृषि विभाग दवाई लेने किराया लगा के जाते हैं। दिनभर दवाई के इंतजार में बैठने के बाद शाम को खाली हाथ लौटना पड़ता है। कर्वी के उप कृषि निदेषक जगदीष नारायण का कहना है कि पांचो ब्लाक में एक एक कृषि रक्षा केन्द्र है। वहां के केन्द्रो में कीटनाषक दवा है। जिसे दवा नहीं मिल रही है तो लिखित दें।
फसलों में लगा कीड़ा, नहीं मिल रही दवाई
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