प्राकृति आपदा से सब लोग परेषान छथिन। 21 अप्रैल षाम में आंधी तुफान अउर ओला गिरे से किसान से लेके मजदुर के परेषानी झेले के परलई। अभी एक सप्ताह भी न होलइ कि 25 अप्रैल के दिन में लगभग बारह बजे से भूकंप के षुरूआत भेलई जे लगातार तीन दिन तक झटका अवईत रहई। इहां तक कि लोग डर के मारे घर में न जाई छथिन।
अभी भी मौसम खराब ही रहई छई। कभी आंधी त कभी तुफान, कभी वारिष से लोग परेषान छथिन। लेकिन सरकार कहु सुरक्षा के लेल व्यवस्था न कयले रहथिन। लोग जेने खुला जगह देखइ उधर ही भगथिन। इ प्राकृति आपदा से जान माल के छती त भेलई साथ-साथ रहे वाला घर भी गिर गेलइ। जिनका पास पूजीं हइ उ त घर बना लेतई, लेकिन जे मजदुर छथिन उनकर घर केना बनतई। एक डर के कारण पिडि़त दोसर घर से बेघर हो गेलई। किसान के भी इ आपदा से गेहुं अउर मसुर के फसल बर्बाद हो गेलई। जेइ कारण किसान सब के भी हिम्मत हार गेल हइ। अभी भी मौसम ठिक न हइ जेइ कारण आवे वाला दिन के लेल भी लोग चिंतित छथिन। लेकिन एइ पर कोई ठोस कदम सरकार न उठा रहल छथिन। बचाव के लेल कोई सुव्यस्थित जगह न चयन कयले छथिन।
प्राकृति आपदा सब के झकझोर देलकई
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