जिला शिवहर के सदर अस्पताल में अभी अन्नया प्रोजेक्ट के तहत हर सप्ताह ए.एन.एम. सब के प्रशिक्षण मिल रहल हई। जेकर सहयोग केयर ग्रुप अउर बिहार सरकार कर रहल छथिन।
प्रशिक्षिका श्वेता पाटिल कहलथिन कि अन्नया ग्रुप पिछला अढ़ाई साल से बतीस प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के नर्स के प्रशिक्षण दे रहल छथिन। जे चुनिन्दा प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हई। जहां के माई अउर बच्चा के मृत्यु दर ज्यादा हई। इ प्रशिक्षण जे नर्स या ए.एन.एम. लेबर रूम (जहां बच्चा पैदा होई छई) काम करई छथिन उनका देल जा रहल हई। अभी नवम्बर 2013 में अठारह प्रथमिक अउर छौ सदर अस्पताल के चुनिन्दा नर्स अउर ए.एन.एम. के प्रशिक्षण देल जा रहल हई। ए.एन.एम. गीता कुमारी, निर्मला कुमारी, मुन्नी कुमारी कहलथिन कि इहां प्रशिक्षण लेवे के एगो फायदा हई कि इहां सदर अस्पताल हई। लोग के जे बच्चा होई छई जइसे हमर सब के जानकारी अउर बढ़ई छई। जईसे जे सिखई छी ओकरा करके भी देख लेई छी। एई प्रशिक्षण में गर्भवती होय से लेके बच्चा होय के छौ हप्ता बाद तक के माई बच्चा के देख के देख रेख कइसे कयल जतई बतायल जा रहल हई।
श्वेता पाटिल कहलथिन कि अंत में लोग से इ कहे चाहई छी कि बच्चा के कम से कम छौ दिन सरसो तेल न लगाऊ दोसर अंध विष्वास में पर के बच्चा जान जाय के इंतजार न करू ओकर इलाज कराउ। बच्चा होय के समय गांव के डॉक्टर से गर्मी के सुई लेके न आउ। एई से हमरा बच्चा के स्थिति सम्भलनाई मुस्किल हो जाई छई।
प्रशिक्षण मृत्यु दर कम होय के
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