सरकार जनता खे लाने केऊ तरह के व्यवस्था करत हे। जीसे जनता खा कोनऊ परेशानी न होय, पे ईखी जिम्मेंदारी कोनऊ भी अधिकारी काय नई लेत हे। चाहे ऊ पुलिस प्रशासन होय जा फिर कोनऊ भी सरकारी कर्मचारी।
हम बात करत हें पुलिस प्रशासन की ? ई समय महोबा जिला में आय दिन चोरी होत हे, पे पुलिस प्रशासन आज तक एकऊ चोरी के मामलन को खुलासा नई कर पाओ हे। जनता कि रिपोर्ट लिखे के जघा छानबीन करे की बात कह के टार देत हे। आखिर पुलिस प्रशासन जनता के साथे एसो काय करत हे। अगर जनता खा खुद में परेशानी सुलझाने हे तो सरकार कानून व्यवस्था काय बनाउत हे। अगर पुलिस प्रशासन ही जनता के साथे एसो करत हे तो फिर जनता किते जेहे, ओर काय खा थाना कोतवाली बनवाउत हे। आखिर जनता की सुरक्षा की जिम्मेंदारी किखी हे।
एसई चरखारी ब्लाक के रिवई गांव में एक्सीडेंट की रिपोर्ट नई लिखी हे। जीसे ऊ 28 मई 2014 से ऊ अनशन करें खा मजबूर हो गओ हतो। का पुलिस प्रशासन की जिम्मेंदारी छानबीन करब बस हे, रिपोर्ट लिख कारवाही करें कि जिम्मेंदारी नोयें। पुलिस प्रशासन ई सब केसन में कोनऊ ठोस कदम काय नई उठाउत हे। पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारन ही इत्ते चोरी, लड़ाई, बलात्कार ओर छेड़खानी जेसे केस सामने आउत हें। अगर अपराधी के ऊपर कारवाही करे तो एसे केस कम हो सकत हें। छानबीन के अलावा कारवाही करें की जिम्मेंदारी किखी आय। जनता की या पुलिस प्रशासन की? ई बात के जबाब को इन्तजार महोबा जिला की जनता करत हे।
प्रशासन के कमी के कारन बढ़त जात हें केस
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