जिला शिवहर, प्रखण्ड तरियानी, गांव हिरौता दुम्मा। इहां के मनोज कुमार बाईस बरस के छथिन। जे मानसिक अउर कण्ठ दुनु से विकलांग छथिन। लेकिन उनका विकलांग पेंसन न मिल रहल हई।
मनोज के माई रेखा देवी अउर बाबूजी नागेन्द्र राम कहलथिन कि हमर बेटा जन्म से ही कण्ठ अउर दिमाग से विकलांग हई लेकिन ऐकरा विकलांग पेंसन न मिल रहल हय। केतना बेर त वार्ड सदस्य सब लिख के ले जाई छथिन लेकिन हमरा बेटा के ऐतना दिन हो गेला के बाद भी कोई सरकारी लाभ न मिल रहल हई। विकलांग के नाम से इन्द्राआवास भी मिलई छई उहो न मिललक। ओहु में हम महादलित छी। मुखिया जी के कहली त कहलथिन कि पहिले विकलांग प्रमाण पत्र बनवाउ तब पेंसन मिलत। अब दु दिन से प्रखण्ड में जाई छी। देखई छी विकलांग प्रमाण पत्र बनला के बाद भी पेंसन मिलई छई कि न?
मुखिया इंद्रजीत साह कहलथिन कि विकलांग प्रमाण पत्र के सरकारी कोई लाभ न मिलई छई। इ बात लोग न समझई छथिन अउर न सोचई छथिन कि नाम लिखा देली त लाभ मिल जाएत। कहलीय विकलांग प्रमाण पत्र बनावेला ओकरा फाॅर्म भी देलीय। अब जे विकलांग प्रमाण पत्र बन जतई त पेंसन जरूर मिलतई।
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी साह रजा हुसैन कहलथिन कि अगर उनकर काम पंचायत में न हो रहल हई त प्रखण्ड में आर.टी.पी.एस. काउण्टर पर आवेदन जमा करे। उनका निसक्ता पेंसन पास होयला के बाद मिलतई।
प्रमाण पत्र बनाउ, लाभ उठाउ
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