ललितपुर जिले के तालबेहट ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सेमरखेड़ा के प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश ने 31 मार्च को अपने ही स्कूल में मिटटी का तेल डाल आग लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पहले कक्षा के ब्लैकबोर्ड में सुसाइट नोट लिखा जिसमें उन लोगों के नाम लिखा हैं, जो इसके जिम्मेदार थे। बताया जा रहा है कि उनका उसी दिन रिटायरमेंट भी था और विद्यालय भी बंद था। इसके पीछे कारण क्या था। घटना के एक महीने बाद भी घटना के कारण का पता नहीं चला है, लेकिन गांव वालों के अनुसार प्रधान दबंग है। विद्यालय में बच्चों की घटती संख्या उनके भविष्य में विराम लगा रही है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन मिड डे मिल की कहानी अभी भी सुलझी नहीं है।
सहायक शिक्षिका अनुपम का कहना है कि गांव वालों को ये घटना की जानकारी होने के बाद कारीगर ने लोगों को बुलाया फिर लोग इकटठा हो गये। स्कूल तो सारे बंद थे, लेकिन उनके मन में क्या चल रहा था और वो किस मकसद से स्कूल खोले हुए थे, हमें नहीं पता। कारण जो भी हो वो नोटिस बोर्ड में लिख गये हैं। 100 नंबर को फोन किया गया तो 100 नंबर पुलिस भी आई। स्कूल में बच्चों की संख्या बिलकुल कम हो गई है। फ़िलहाल समय तो छुट्टियों का चल रहा है, लेकिन ये केस होने के बाद संख्या कुछ ज्यादा ही कम हो गई है। बच्चे इतना डरते हैं कि हमसे बात तक नहीं करते है, अगर रास्ते में मिल जाते है, हमारे पूछने के पहले से ही बच्चे हमें देखकर भाग जाते हैं। 2016 में एक सर आये थे। मिडडे मिल चेक करते समय ब्च्चों से कुछ पूछा भी था। तो कुछ ऐसा मिला, जो नहीं बटवाया जा रहा था। जैसे कि फल, दूध। इस वजह से उन्होंने उनके वेतन में रोक लगा दिये थे।
ग्राम पंचायत सदस्य देवेन्द्र ने बताया कि उस दिन स्कूल नहीं गये थे। क्योंकि जब वो बुलाते थे, तभी हम हस्ताक्षर करने भर जाते थे। किस चीज में हस्ताक्षर करवाते थे हमें नहीं पता। प्रधानाचार्य ईमानदार थे।
सेमरखेड़ा निवासी का कहना है कि प्रधान दबंग है, उसके बारे में कोई कुछ नहीं बोल सकता क्योंकि वह लोगों पर हर तरीके से दबाव बनाये रहता है।
अपर एस.पी.अवधेश कुमार विजेता का कहना है कि बोर्ड के अनुसार एफ.आई.आर. लिखवाई गई थी। जो ब्लैकबोर्ड में लिखा पाया गया है। तालबेहट ब्लाक के रजिस्टर में मिड डे मिल का घोटाला पाया गया है कि जो शिक्षक सहायक थे। तीन आरोपी गिरफ्तार हो गये हैं और कुछ लोग फरार हैं। धारा 306 के तहत और प्रताड़ना की कोशिश करने की धारा लगी हुई हैं।
अभिभावक भगवान ने बताया कि मास्टर जी के डर से बच्चे पन्द्रह दिन से स्कूल जाते हैं। छोटी सी बच्ची के साथ चली जाती थी लेकिन अब दोनों ही नहीं जाती हैं। अब कोई बच्चा स्कूल नहीं जाता है, तो वो भी नहीं जाती हैं।
छात्र ने बताया कि जो बच्चे नहीं जाते हैं वो बोलते है कि हमको भूत से डर लगता है। अभी केवल तीन बच्चे जा रहे हैं, बांकी नहीं जा रहे हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार का कहना है कि मिडडे मिल के कोई घोटाले नहीं हैं। उनका आरोप है कि ग्राम प्रधान हमारे चेकों में हस्ताक्षर नहीं करता है। ग्राम और हेड मास्टर का ज्वाइंट खाता होता है। यहां से पैसा सीधे खाते में ट्रांसफर किया जाता है। जो भी पैसा खर्च होता है, वो दोनों की सहमति से होता है। हमारे यहां कभी भी कोई लिखित शिकायत नही की।
रिपोर्टर: कल्पना और सुनीता प्रजापति