चिले, दक्षिण अमेरिका। दुनिया में कुछ तीस देशों ने ‘कारबन टैक्स’ नाम का एक खास टैक्स बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों पर लगाया है, पर दक्षिण अमेरिका में यह टैक्स लागू करने वाला चिले पहला ऐसा देश होगा।
कारबन टैक्स एक ऐसी रकम है जो बड़ी फैक्ट्रियों को सरकार को देनी होगी। हर फैक्ट्री के लिए यह रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कितने मेट्रिक टन कोयला, गैस या पेट्रोल इस्तेमाल करते हैं। इस मात्रा से यह पता चलेगा कि इन फैक्ट्रियों के काम के तहत वातावरण में कितनी प्रदूषण फैलाने वाली धुंआ फैली है। 2014 में भारत में इस टैक्स को पचास रुपए प्रति मेट्रिक टन से बढ़सकर सौ रुपए कर दिया गया था।
दक्षिण अमेरिका के कई देश दूसरे देशों को तेल बेचते हैं। उस क्षेत्र में इस टैक्स को लागू करने वाला पहला देश चिले होगा। चिले की सरकार का कहना है कि इस टैैक्स द्वारा वसूली गई रकम को वे देश में शिक्षा की स्थिति सुधारने में लगाएंगे।
प्रदूषण के खिलाफ एक खास कदम – चिले बना कारबन टैक्स लगाने वाला पहला देश
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