भारत। पिछले कुछ हफ्तों में प्याज़ के बढ़ते दामों का आम आदमी के खर्चों पर भारी असर पड़ा। 15 अगस्त तक कई शहरों में प्याज़ अस्सी रुपय किलो तक बिक रहा था। इस बढ़ौतरी का असर दूसरे देशों को बेचे जाने वाले प्याज़ पर भी पड़ा है।
जुलाई के महीने में ही प्याज़ का दाम दुगने से ज़्यादा हुआ था। बाकी सब्जि़यों का दाम भी लगभग पचास प्रतिशत बढ़ा। सब्जि़यों और खासकर प्याज़ के अचानक महंगे होने का कारण महाराष्ट्र में पड़ा सूखा और उत्तर भारत में बेमौसम बारिश को माना जा रहा है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मांेटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि मानसून के आ जाने से कुछ समय में फसल के तैयार होने और दाम कम होने की संभावना है। लोगों का कहना है कि जगह जगह डीज़ल के और महंगे होने से भी सब्जि़यों के दाम बढ़े हैं।
महाराष्ट्र के नासिक शहर से आने वाले प्याज़ के फसलों में कमी देखते हुए सब्जी व्यापारी सबसे पहले घबराए थे। इस कारण जुलाई से प्याज़ महंगा हुआ। भारत में दाम बढ़ने का असर अरब में भी देखा गया। अरब भारत से बड़ी मात्रा में प्याज़ मंगाता है। वहां के एक व्यापारी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान से सस्ता प्याज़ मंगाया जा रहा है।
प्याज़ के दामों पर लगाम नहीं
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