सरकार तरह-तरह के पेंसन लागू कर देले छथिन। ताकि गरीब लोग के सब कुछ के सुविधा मिले ऐई से लोग के जीवन में कुछ न कुछ सहायता होतई। लेकिन गरीब तक पहूंचते-पहूंचते कोनो न कोनो कारण से न मिल पवई छई। पेंसन के रास्ता लोग देखते रह जाई छई।
जेईसे कि सीतामढ़ी जिला के रीगा में ऐगो महिला वृद्धा पेंसन के इंतजार करते-करते मर गेलथिन लेकिन उनका पेंसन न मिललई।
शिवहर जिला के कुशहर पंचायत में अभी भी एक ही घर में एक माई- बाप के दुगो बेटा दस वर्ष के छथिन। इनकर कागज भी बनल हई। जनप्रतिनिधि से लेके अधिकारी भी ऐई बात पर ध्यान न देई छथिन। सरकार त लाभ देवे करई छथिन। लेकिन बहाना बनबईत रहई छथिन कि किनकरो कागज न हई, त उमरे न हई। ऐईसही भरोषा देईत रहई छथिन कि अब मिल जतई पेंसन लेकिन कहां मिलई छई? कुछ लोग बीचमनिये के चक्कर में भटकईत रह जाई छथिन। ऐगो त सरकार हर विभाग में केतना पद के लोग के बहाली कयले छथिन कि कोई सुविधा अबते-अबते बीच में अटक के रह जाई छई।
सरकारी सुविधा पेंसन पर विभागीय लोग ध्यान देथिन त पेंसन धारी के लाभ मिलतियई अउर कुछ गरीब के सहायता होतीयई अउर सरकारी सुविधा के लाभ मिलतीयई।
पेंसन के राह में अभी भी हई जनता
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