जिला चित्रकूट, बलाक मानिकपुर, गांव कोटा कंदैला। हिंया के महरनिया चार बरस से विधवा पेंशन खातिर परेशान हवै। वहिके छोट छोट पांच बच्चा हवै। विधवा पेंशन खातिर कइयौ दरकी प्रधान सुरेश सिंह से कहा गा, पै वा नहीं सुनत आय।
प्रधान सुरेश सिंह का कहब हवै कि आठ महीना पहिले फार्म भरवा दीने हौं। विधवा पेंशन पास होइ तौ मिलै लागी। वा परेशान न होय।
गांव के महरनिया का कहब हवै कि मनसवा दयाराम का मरे पांच बरस होइगे। वहिके मरै के बाद एक-एक रूपिया का परेशान रहत रहौं। काहे से कमाये वाला कउनौ नहीं आय। यहै से हिम्मत कइके मजूरी शुरू कइ दीनेंव। यहै से नून रोटी का होइ जात हवै। अगर विधवा पेंशन भी मिलै लागै तौ थोइ आसरा होइ जाये। पता नहीं कि काहे विधवा पेंशन नहीं मिलत आय।
जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव गांव रामपुर माफी। हिंया के मैकी का एक बरस से विधवा पेंशन नहीं मिलत आय। या कारन वा बहुतै परेशान रहत हवै। विधवा पेंशन खातिर कइयौ दरकी प्रधान सावित्री देवी से कहा गा, पै वा नहीं सुनत आय।
या समस्या का लइके प्रधान सावित्री देवी से बात कीन गे। वहिकर कहब हवै कि मोहिसे अबै तक मैकी नहीं कहिस हवै। मैकी के विधवा पेंशन खातिर फार्म भरवा देहूं ।
गांव के मैकी का कहब हवै कि मनसवा नंगू का मरे एक बरस होइगे। चार छोट छोट बच्चा हवै। कउनौ कमाये वाला नहीं आय। यहै से मजूरी कइके अपने बच्चन का पालत हौं। मनसवा रहै तौ मैं घर से कत्तौ बाहर नहीं निकरे रहौं। अगर मजूरी न करिहौं तौ कसत घर का खर्चा चली। विधवा पेंशन खातिर प्रधान सावित्री देवी से कहत हौं तौ वा हां हां बस कइ देत हवै, पै बनवावत नहीं आय। अगर विधवा पेंशन मिलै लागै तौ थोइ नून रोटी चलै लागै।
पेंशन मिलै लागै तौ कुछौ सहारा होइ जाये
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